According to section 79 of Indian penal code, Nothing is an offence which is done by any person who is justified by law, or who by reason of a mistake of fact and not by reason of a mistake of law in good faith, believes himself to be justified by law, in doing it.
भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के अनुसार, कोई बात अपराध नहीं है, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए, जो उसे करने के लिए विधि द्वारा न्यायानुमत हो, या तथ्य की भूल के कारण, न कि विधि की भूल के कारण सद््भावपूर्वक विश्वास करता हो कि वह उसे करने के लिए विधि द्वारा न्यायानुमत है ।
दृष्टांत
क, य को ऐसा कार्य करते देखता है, जो क को हत्या प्रतीत होता है । क सद््भावपूर्वक काम में लाए गए अपने श्रेष्ठ निर्णय के अनुसार उस शक्ति को प्रयोग में लाते हुए, जो विधि ने हत्याकारियों को उस कार्य में पकड़ने के लिए समस्त व्यक्तियों को दे रखी है, य को उचित प्राधिकारियों के समक्ष ले जाने के लिए य को अभिगॄहीत करता है । क ने कोई अपराध नहीं किया है, चाहे तत्पश्चात्् असल बात यह निकले कि य आत्म-प्रतिरक्षा में कार्य कर रहा था ।